दिल्ली-एनसीआर में जल्द ही एयर टैक्सी परिवहन का नया माध्यम बनने जा रही है। भारत में एयर टैक्सी सेवा की शुरुआत हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में एयर टैक्सी के मॉडल और स्टेशन का प्रदर्शन किया गया। आने वाले कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर के लोग एक शहर से दूसरे शहर का सफर महज 15-20 मिनट में पूरा कर सकेंगे।
अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। आने वाले वर्षों में दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में परिवहन का स्वरूप बदलने वाला है। सड़कों पर दौड़ने वाली टैक्सियों की जगह एयर टैक्सी (Air Taxi) लेती नजर आएंगी, जो एक ही शहर में एक जगह से दूसरी जगह तक तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का साधन बनेंगी।
ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अर्बन मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर शो (UMIS) में एयर टैक्सी का भविष्य प्रदर्शित किया गया। इस दौरान एयर टैक्सी, उनके संचालन और वर्टिपोर्ट (एयर टैक्सी के पोर्ट) के कॉन्सेप्ट को विभिन्न कंपनियों ने पेश किया। इनमें से कुछ मॉडल बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयार हैं, जबकि कुछ अगले साल तक हकीकत का रूप ले सकते हैं।

15 से 20 मिनट में तय होगा शहरों का सफर
अगले कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर के लोग एक शहर से दूसरे शहर का सफर महज 15 से 20 मिनट में पूरा कर सकेंगे, जो वर्तमान में डेढ़ से दो घंटे तक का समय लेता है। अभी तक दो प्रकार की एयर टैक्सी के मॉडल पेश किए गए हैं। एक मॉडल में पायलट सहित कुल पांच लोग बैठ सकते हैं, जबकि दूसरे मॉडल में पायलट सहित छह लोगों की क्षमता होगी।
550 किलोग्राम भार लेकर करेगी उड़ान
ये एयर टैक्सियां 550 किलोग्राम तक का भार लेकर उड़ान भरने में सक्षम होंगी, जिससे यह तकनीक न केवल तेज़, बल्कि कुशल और सुविधाजनक भी होगी।
10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान और इमरजेंसी लैंडिंग में 8 सेकंड
अनुराग गुप्ता के अनुसार, यह दुनिया का पहला वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग एयरक्राफ्ट (EVTOL) है, जो 10 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। खास बात यह है कि इमरजेंसी स्थितियों में यह आठ सेकंड के भीतर लैंड भी कर सकता है। इस एयर टैक्सी के संचालन के लिए किसी रनवे, एयरपोर्ट या सीपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी।
एयरडोक वर्टिपोर्ट बनेगा स्टेशन, 5 रुपये प्रति किमी किराया
एयरपेस इंडस्ट्रीज ने एयरडोक वर्टिपोर्ट के कॉन्सेप्ट को लॉन्च किया, जिसे कंपनी के उपाध्यक्ष कपिल जैन ने साझा किया। उन्होंने बताया कि एयर टैक्सी का संचालन जल्द ही देशभर में तेजी से शुरू होगा, और इसके संचालन, चार्जिंग, हाइड्रोजन भरने और यात्रियों की बैठने की व्यवस्था के लिए एयरडोक बनाए जाएंगे।

200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार और सोलर सिस्टम से चलने वाला स्टेशन
एयर टैक्सी की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटा होगी, और यह छह लोगों को एक बार में ले जाने में सक्षम होगी। इस एयर टैक्सी को ग्रीन हाइड्रोजन और बैट्री दोनों से चलाने का इंतजाम किया गया है। कंपनी द्वारा बनाए जा रहे एयरडोक स्टेशन पूरी तरह से सोलर सिस्टम से लैस होंगे, जिससे कार्बन उत्सर्जन शून्य रहेगा।
सस्ता किराया, सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद रूट निर्धारण
एयर टैक्सी का किराया सिर्फ 5 रुपये प्रति किलोमीटर होगा, और प्रत्येक स्टेशन पर लगभग 10 एयर टैक्सी मौजूद होंगी। पायलट प्रोजेक्ट के सफल परीक्षण के बाद, नागरिक उड्डयन विभाग से अनुमति लेकर रूट निर्धारण किया जाएगा।
source:jagran
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