Lawrence Bishnoi और Goldie Brar: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की गैंग के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगातार कार्रवाई कर रही है। इस कड़ी में, NIA ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, और अन्य कई गैंगस्टर्स के खिलाफ गैंगस्टर टेरर केस में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण खुलासे किए गए हैं।
दाऊद इब्राहिम के रास्ते पर लॉरेंस बिश्नोई
NIA ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका आतंक सिंडिकेट अभूतपूर्व तरीके से फैल चुका है। उसने अपना नेटवर्क उसी प्रकार स्थापित किया है, जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने छोटे-मोटे अपराधों के जरिए अपना साम्राज्य खड़ा किया था। दाऊद ने ड्रग तस्करी, टारगेट किलिंग और एक्सटॉर्शन रैकेट के माध्यम से अपना साम्राज्य बनाया और फिर D कंपनी का गठन किया। इसके बाद, उसने पाकिस्तानी आतंकियों के साथ गठजोड़ किया और अपने नेटवर्क को और फैलाया। इसी तरह, बिश्नोई गैंग ने भी छोटे अपराधों से शुरुआत की और अपना खुद का गैंग स्थापित किया, जिसके चलते अब उत्तर भारत में बिश्नोई गैंग का प्रभाव बढ़ चुका है।

लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में 700 से ज्यादा शूटर
कनाडा पुलिस और भारतीय एजेंसियों द्वारा वांटेड सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ बिश्नोई गैंग को संचालित कर रहा है। एनआईए ने खुलासा किया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से अधिक शूटर शामिल हैं, जिनमें से 300 पंजाब से जुड़े हैं। बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का प्रचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के माध्यम से किया गया है। बिश्नोई गैंग ने 2020-21 तक करोड़ों रुपए का एक्सटॉर्शन किया, और वह धन हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया।
भारत के 11 राज्यों और 6 देशों तक फैला जुर्म का साम्राज्य
एनआईए के अनुसार, पहले लॉरेंस बिश्नोई का गैंग केवल पंजाब तक सीमित था। लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली, और राजस्थान के गैंगों से गठजोड़ किया, जिससे एक बड़ा गैंग बना। अब बिश्नोई गैंग पूरे उत्तर भारत, जिसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, और झारखंड शामिल हैं, में फैल चुका है। गैंग युवाओं को सोशल मीडिया और अन्य विभिन्न तरीकों से भर्ती करता है। इसके साथ ही, यह गैंग अमेरिका, अजरबैजान, पुर्तगाल, यूएई, और रूस तक भी फैल चुका है।
नौजवानों को विदेश भेजने का लालच
युवाओं को कनाडा या उनकी पसंद के अन्य देशों में शिफ्ट करने का लालच देकर गैंग में शामिल किया जाता है। एनआईए के अनुसार, पाकिस्तान में स्थित खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटरों का उपयोग पंजाब में टारगेट किलिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करता है। हाल ही में, एनआईए ने यूएपीए के तहत अदालत में लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, और अन्य 16 गैंगस्टर्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
गैंग को कौन-कौन संभालता है
गोल्डी बराड़ कनाडा, पंजाब, और दिल्ली में गैंग का संचालन करता है। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और अमेरिका में गैंग की जिम्मेदारी रोहित गोदारा के पास है। अनमोल बिश्नोई पुर्तगाल, अमेरिका, दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र, बिहार, और पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों की कमान संभालता है। काला जठेड़ी हरियाणा और उत्तराखंड में गैंग को नियंत्रित करता है। पूरे गैंग की गतिविधियों की रिपोर्ट सीधे साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को भेजी जाती है।
हथियारों की आपूर्ति का स्रोत
गैंग के पास हथियार मध्य प्रदेश के मालवा, उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, और बिहार के मुंगेर और खगड़िया से आते हैं। इसके अलावा, पंजाब के सीमावर्ती जिलों से भी गैंग को हथियार मिलते हैं। गैंग को पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, कनाडा, और नेपाल से भी हथियार की आपूर्ति होती है।
Source: Abp news
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