
बिहार में मतदाता सूची अपडेट में बहुओं को परेशानी
बिहार में आगामी चुनावों को देखते हुए मतदाता सूची का अद्यतन कार्य चल रहा है। कई लोग अपनी बहू का नाम सूची में शामिल कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नियमों के अनुसार, नाम जोड़ने के लिए माता-पिता से जुड़े दस्तावेज अनिवार्य हैं। ऐसे में जिन लोगों के माता-पिता अब नहीं हैं, वे खासे परेशान हैं। कुछ बीएलओ प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पहले उन्हीं लोगों का नाम जोड़ रहे हैं जिनके दस्तावेज पूरे हैं।
रोहतास: बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची अपडेट करने का कार्य जारी है। इस प्रक्रिया में सबसे अधिक परेशानी बहुओं के नाम जोड़ने में आ रही है। नियम के अनुसार, बहू का नाम ससुराल की मतदाता सूची में तभी जुड़ सकता है जब फॉर्म के साथ उनके माता-पिता से संबंधित दस्तावेज संलग्न हों। लेकिन जिन बहुओं के माता-पिता नहीं हैं या दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, कुछ बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) पहले उन लोगों का नाम जोड़ रहे हैं जिनके दस्तावेज पूरी तरह से सही और उपलब्ध हैं, जिससे बाकी आवेदकों को इंतजार करना पड़ रहा है।
बहू का नाम जुड़वाने में आ रही दिक्कत
बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर चुनावों को देखते हुए मतदाता सूची की पुनः जांच और अपडेट का काम तेज़ी से चल रहा है। इस प्रक्रिया में सबसे ज्यादा परेशानी बहुओं का नाम ससुराल की सूची में जोड़ने को लेकर हो रही है। चुनाव आयोग के नियम के अनुसार, बहू का नाम तभी जोड़ा जाएगा जब उनके माता-पिता से संबंधित कोई दस्तावेज फॉर्म के साथ संलग्न किया जाए। इस शर्त के कारण ससुराल और मायके दोनों ही पक्षों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर वे बहुएं जिन्हें अपने मायके से दस्तावेज मंगवाने में दूरी या संसाधनों के कारण कठिनाई हो रही है, वे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
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नियम साफ नहीं, इसलिए बढ़ रही परेशानी
जिन बहुओं के माता-पिता नहीं हैं, उनके मामले में नियम स्पष्ट न होने से दिक्कत और बढ़ गई है। रोहतास जिले के दावथ क्षेत्र के एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने बताया कि उनके पास ऐसे कई मामले आए हैं, जहां बहुओं के माता-पिता नहीं हैं और यह समझ नहीं आ रहा कि फॉर्म के साथ किसका दस्तावेज संलग्न किया जाए। उन्होंने बताया कि फिलहाल उन्होंने बहुओं का फॉर्म भर तो लिया है, लेकिन दस्तावेज को लेकर ऊपरी अधिकारियों से दिशा-निर्देश मांगे हैं। जब तक उन्हें स्पष्ट निर्देश नहीं मिलते, वे फॉर्म को अपलोड नहीं करेंगे।
इन लोगों को भी हो रही है परेशानी
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया में केवल बहुएं ही नहीं, बल्कि वे लोग भी परेशान हैं जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 के बाद हुआ है। ऐसे मामलों में फॉर्म के साथ आवेदक या उनके माता-पिता में से किसी एक का दस्तावेज लगाना अनिवार्य है। वहीं, जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है, उनके लिए और भी कड़ा नियम है—इनके फॉर्म के साथ आवेदक और उनके माता-पिता दोनों के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। लेकिन जिन लोगों के माता-पिता नहीं हैं, उनके लिए नियम स्पष्ट नहीं है कि किसका कागज फॉर्म के साथ लगाया जाए। इस असमंजस की स्थिति में ऐसे कई लोग परेशान हैं और नाम जुड़वाने में देरी हो रही है।
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