
छांगुर बाबा
Chhangur Baba News: धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड? ED कर रही जांच
मुंबई की हाजी अली दरगाह पर अंगूठियां बेचने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में हैं। बताया जा रहा है कि छांगुर पर हिंदू धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप है, जिसकी जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रहा है।
78 वर्षीय छांगुर बाबा की पहचान लंबे समय से एक फकीर जैसे लुक और रहन-सहन के साथ जुड़ी रही है—सफेद पकी हुई दाढ़ी, ढीला लबादा, मोटा चश्मा और लड़खड़ाती चाल। लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि उसकी सादगी महज़ एक मुखौटा है, जिसके पीछे छिपा है एक सुनियोजित मजहबी षड्यंत्र।
छांगुर पर आरोप है कि उसने हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया। जांच में सामने आया है कि इस रैकेट में एक महिला नसरीन की भूमिका बेहद अहम थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, नसरीन पहले एक सिंधी हिंदू लड़की थी, जिसे छांगुर ने पहले खुद और उसके पति को धर्म परिवर्तन के लिए राजी किया। नीतू से नसरीन बनने के बाद वही इस पूरे नेटवर्क की मुख्य कड़ी बन गई, जो अन्य हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर छांगुर के पास लाती थी।
अब सामने आया है कि छांगुर बाबा ने धर्मांतरण के लिए बाकायदा “रेट लिस्ट” भी बना रखी थी। इन सब आरोपों को लेकर अब ED मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग के एंगल से भी जांच कर रही है।
धर्मांतरण के लिए जाति आधारित ‘रेट लिस्ट’, ED की जांच में हुआ खुलासा
धर्मांतरण के कथित रैकेट में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर अब नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, छांगुर ने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए जाति के आधार पर ‘रेट लिस्ट’ तैयार की थी, जो किसी होटल के रेट कार्ड की तरह काम करती थी।
जांच एजेंसियों को मिले सबूतों के अनुसार, छांगुर ने ब्राह्मण और क्षत्रिय (राजपूत) लड़कियों का इस्लाम में धर्मांतरण करवाने के लिए 15 से 16 लाख रुपये तक की रकम तय कर रखी थी। बताया जा रहा है कि यह रकम उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों द्वारा उन युवतियों के धर्मांतरण के बदले वसूली जाती थी।
छांगुर का नेटवर्क केवल सामान्य धर्मांतरण पर नहीं, बल्कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, OBC और SC/ST वर्ग की लड़कियों को अलग-अलग ‘टारगेट’ के तौर पर देखता था। जाति विशेष की लड़कियों के लिए रेट्स तय कर उनका उपयोग कथित मजहबी अभियान के तहत किया जाता था।
इस खुलासे के बाद अब ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस पूरे मामले में धन के लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की भी जांच शुरू कर दी है।
OBC और SC-ST लड़कियों के धर्मांतरण के लिए भी तय थे रेट, ED की जांच में खुलासा
धर्मांतरण रैकेट से जुड़े जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर ED की जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, छांगुर ने OBC और SC-ST वर्ग की हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए भी फिक्स रेट कार्ड बना रखा था।
सूत्रों के अनुसार, अगर किसी OBC वर्ग की हिंदू लड़की का इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता था, तो उसके बदले 10 से 12 लाख रुपये तक की रकम तय की गई थी। वहीं, SC-ST वर्ग की लड़कियों को मुस्लिम बनाने के लिए 8 से 10 लाख रुपये का शुल्क रेट लिस्ट में दर्ज था।
यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि किसी धर्मांतरण रैकेट में इस तरह जाति आधारित “रेट कार्ड” तैयार किया गया हो—जिस तरह होटल या ट्रैवल पैकेज में प्राइसिंग दी जाती है, उसी तरह लड़कियों की जाति और सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर धर्मांतरण के भाव तय किए गए थे।
अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या छांगुर को यह सब करने के लिए विदेशी फंडिंग मिल रही थी? क्या यही फंडिंग उसके कथित नेटवर्क को चला रही थी, जिसकी मदद से उसने हाजी अली दरगाह के पास कथित अवैध धर्मांतरण हेडक्वार्टर भी बना रखा था?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब इस पूरे मामले में मनी ट्रेल और विदेशी फंडिंग के कोण से गहन जांच कर रही है।
3,000 से ज्यादा हिंदुओं की टारगेट लिस्ट, 40 धर्मांतरण का दावा — जांच में बड़े खुलासे
धर्मांतरण रैकेट से जुड़े जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर अब और भी सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, छांगुर की कथित गैंग ने 3,000 से 4,000 हिंदू नागरिकों की एक सूची तैयार कर रखी थी, जिन्हें “सॉफ्ट टारगेट” के रूप में चिन्हित किया गया था।
जांच एजेंसियों को मिले इनपुट्स में दावा किया गया है कि छांगुर अब तक करीब 40 हिंदुओं का धर्मांतरण करवा चुका है। ये काम वह अपने सहयोगियों और मुख्य सहयोगी नसरीन की मदद से अंजाम दे रहा था, जिसे पहले नीतू के नाम से पहचाना जाता था।
उत्तर प्रदेश ATS ने छांगुर और नसरीन को रिमांड पर लिया है, ताकि इस पूरे धर्मांतरण नेटवर्क के उद्देश्य और विस्तार की सच्चाई सामने लाई जा सके। मामले में अब तक 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन गिरफ्तारी केवल 4 की ही हुई है।
छांगुर के खिलाफ FIR नवंबर 2024 में दर्ज की गई थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी 5 जुलाई 2025 को हुई, जब वह और नसरीन लखनऊ के एक स्मार्ट रूम होटल में पिता-पुत्री बनकर छिपे हुए थे।
ATS अब इस पूरे मामले की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग कनेक्शन की भी गहराई से जांच कर रही है।
मिडिल ईस्ट से आए 106 करोड़, 40 खातों में विदेशी फंडिंग का ED को शक
मुंबई की हाजी अली दरगाह पर अंगूठियां बेचने वाला जलालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह उर्फ छांगुर बाबा अब एक बड़े धर्मांतरण रैकेट और विदेशी फंडिंग के संदेह में गंभीर जांच के घेरे में है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, छांगुर पर सिर्फ धर्मांतरण ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और मनी लॉन्ड्रिंग के भी गंभीर आरोप दर्ज हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर के पास मिडिल ईस्ट से 106 करोड़ रुपये की भारी-भरकम फंडिंग आई थी। ये रकम 40 अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराई गई, जिसकी जांच अब तेज़ कर दी गई है।
FIR के मुताबिक, छांगुर ने बीते कुछ वर्षों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की है, जो कथित तौर पर धोखाधड़ी, धर्मांतरण और अवैध गतिविधियों से कमाई गई है। इन पैसों से उसने मकान, दुकानें, स्कूल और धार्मिक संस्थाएं भी खड़ी की हैं।
ED ने अब छांगुर के खिलाफ सभी दस्तावेज़ और आरोपों की फाइल यूपी ATS से प्राप्त कर ली है। दुबई और शारजाह से आई संदिग्ध फंडिंग भी जांच के दायरे में है। एजेंसियां छांगुर के 40 बैंक खातों की पूरी जानकारी और लेन-देन का रिकॉर्ड खंगाल रही हैं, ताकि मनी ट्रेल स्पष्ट हो सके।
दरगाह से खड़ा किया धर्मांतरण का नेटवर्क, गरीब हिंदुओं को बनाया निशाना
ED और ATS की जांच में सामने आया है कि जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के मधपुर गांव में स्थित चांद औलिया दरगाह को धर्मांतरण नेटवर्क का केंद्र बनाया था। खुद को “पीर” बताने वाला छांगुर, यहीं से धार्मिक प्रवचन और चमत्कारों का दावा कर गरीब और दलित हिंदू समुदाय को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, छांगुर दरगाह में शिज्र-ए-तैयबा के हवाले से तकरीरें करता था और दावा करता था कि “इस्लाम ही हर दुख की दवा है”। इन कार्यक्रमों में आने वाली भीड़ में ज़्यादातर गरीब हिंदू और दलित समुदाय के लोग शामिल होते थे, जिन्हें कथित तौर पर मानसिक रूप से प्रभावित कर धर्मांतरण के लिए राजी किया जाता था।
छांगुर ने बलरामपुर और आसपास के इलाकों में भी कई आयोजन किए, जिनमें लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया। इन आयोजनों में भीड़ जुटाने का जिम्मा छांगुर के कुछ रिश्तेदारों और खासकर नीतू उर्फ नसरीन पर था।
नसरीन, जो पहले एक सिंधी हिंदू लड़की थी, खुद के अनुभवों की कहानी सुनाकर हिंदू लड़कियों को आकर्षित करती थी, और कथित चमत्कारों की आड़ में उन्हें छांगुर के पास लाने का काम करती थी। बताया जा रहा है कि यह पूरा नेटवर्क सुनियोजित तरीके से गरीबी, अंधविश्वास और भावनात्मक शोषण का इस्तेमाल करता था।
source:abpnews.
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