
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि खामेनेई एक आसान लक्ष्य हैं
इज़राइली मंत्री काट्ज ने कहा कि इज़रायल को यह नहीं पता कि ईरान ने अपना यूरेनियम भंडार कहां छिपाया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इज़रायल दोबारा ईरान पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगा।
ईरान-इज़रायल सीजफायर के बाद बदले ट्रंप के सुर, अमेरिका देगा अरबों डॉलर की मदद
ईरान और इज़रायल के बीच संघर्षविराम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। ईरानी अधिकारियों और ट्रंप प्रशासन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अमेरिका अब ईरान के सिविल न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम के लिए 20 से 30 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही, ईरान पर लगे कुछ प्रतिबंधों में भी राहत दी जा सकती है।
इस बीच इज़रायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज का बयान सामने आया है। उन्होंने इज़रायली टेलीविजन चैनल 13 सहित कई मीडिया संस्थानों से बातचीत में कहा, “हमने युद्ध की शुरुआत कर दी, यह जाने बिना कि अमेरिका इसमें हमारे साथ होगा या नहीं।”
काट्ज ने यह भी स्वीकार किया कि इज़रायल को यह स्पष्ट रूप से नहीं पता कि ईरान ने अपना यूरेनियम भंडार कहां छिपा रखा है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो इज़रायल दोबारा ईरान पर हमला करने में हिचकिचाएगा नहीं।
ट्रंप प्रशासन के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह आर्थिक सहायता सीधे ईरान को नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, अमेरिका अपने अरब सहयोगी देशों के माध्यम से यह फंडिंग ईरान तक पहुंचाएगा।
‘ईरान पर फिर करेंगे हमला’, बोले इज़राइल काट्ज
इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज ने एक बार फिर ईरान पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि जरूरत पड़ी तो इज़रायल दोबारा ईरान पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगा। समाचार चैनल 12 से बातचीत में काट्ज ने स्पष्ट कहा, “हम ईरान को परमाणु हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित करने की अनुमति नहीं देंगे।”
काट्ज ने यह भी माना कि इज़रायल को ईरान में मौजूद सभी संवर्धित यूरेनियम (Enriched Uranium) का सटीक स्थान नहीं पता है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि इज़रायली सैन्य हमलों ने तेहरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता को काफी हद तक नष्ट कर दिया है।
चैनल 12 को दिए एक अन्य बयान में उन्होंने यूरेनियम के मुद्दे पर कहा, “सामग्री अपने आप में ऐसी चीज नहीं थी जिसे बाहर निकालना जरूरी होता।”
“खामेनेई को मार गिराना चाहते थे, लेकिन मौका नहीं मिला” — इज़राइली मंत्री काट्ज का बड़ा बयान
इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “अगर खामेनेई हमारी पहुंच में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हमने कोशिश तो पूरी की थी।”
काट्ज ने स्पष्ट किया कि इज़रायल खामेनेई को निशाना बनाना चाहता था, लेकिन ऐसा करने का कोई ठोस मौका नहीं मिला। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसके लिए इज़रायल ने अमेरिका से इजाजत मांगी थी, तो उन्होंने जवाब दिया, “हमें इन चीज़ों के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में ईरान और इज़रायल के बीच युद्धविराम हुआ है और क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
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“हमें अमेरिका से इजाजत लेने की जरूरत नहीं” — खामेनेई को लेकर बोले इज़राइली मंत्री काट्ज
इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि खामेनेई को निशाना बनाने जैसे मामलों में इज़रायल को अमेरिका या किसी और देश से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। चैनल 13 को दिए एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने खामेनेई को मारने के लिए अमेरिका से इजाजत मांगी थी, तो काट्ज ने कहा, “हमें ऐसे मामलों में किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है।”
काट्ज का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में ईरान और इज़रायल के बीच संघर्षविराम हुआ है। यह टिप्पणी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी खामेनेई की जान को खतरे में बताया था।
खामेनेई को लेकर क्या बोले थे ट्रंप? ‘आसान लक्ष्य हैं, लेकिन अभी नहीं मारेंगे’
17 जून को एक सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने लिखा, “हमें ठीक से पता है कि तथाकथित सुप्रीम लीडर कहां छिपे हैं। वह एक आसान लक्ष्य हैं, लेकिन फिलहाल सुरक्षित हैं — हम उन्हें खत्म नहीं करेंगे (कम से कम अभी तो नहीं)।”
यह बयान ऐसे समय में आया था जब इज़रायल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष अपने चरम पर था। खामेनेई को लेकर ट्रंप की यह टिप्पणी इज़रायली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज के उस बयान से मेल खाती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मौका मिलता, तो इज़रायल खामेनेई को निशाना बनाता।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह बहस भी जारी है कि हालिया हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कितना नुकसान हुआ है। कुछ विश्लेषणों का कहना है कि ईरान कुछ ही महीनों में परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बन सकता था।
हालांकि, इज़रायली मंत्री काट्ज और कुछ अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इन हमलों ने ईरानी परमाणु क्षमताओं को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है। काट्ज के अनुसार, “अब उन्हें (ईरान को) इस स्तर तक दोबारा पहुंचने में कई साल लगेंगे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
credit:abplive
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