यह पहली बार नहीं है, जब महुआ मोइत्रा विवादों में है. राजनीति में एंट्री करने के बाद ही उनको लेकर तृणमूल और कांग्रेस के बीच तलवार लटक गई थी. ममता ने महुआ के टिकट कटवा दिए थे.
तृणमूल कांग्रेस के फायरब्रांड नेता और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों 2 वजहों से चर्चा में है. पहला, उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर हमलावर मोइत्रा के खिलाफ बीजेपी ने कैश फॉर क्वेश्चन (पैसा लेकर सवाल पूछने) का आरोप लगाया है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इसकी शिकायत संसद के आचार समिति में भी की है.
दूसरा मामला रोटविलर कुत्ता से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के वकील और महुआ के करीबी रहे जय अनंत देहाद्रई का आरोप है कि तृणमूल सांसद ने उनके कुत्ते की चोरी कर अवैध रूप से अपने पास रखा है. देहाद्रई का कहना है कि कुत्ते को वापस लेने के लिए महुआ से उन्होंने कई बार संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इसे वापस नहीं किया.
महुआ ने पूरे मामले में 2 पन्नों का एक बयान जारी किया है. उनका कहना है कि यह एक साजिश है. महुआ के निशाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय भी है. हाल ही में महुआ के कुछ निजी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिस पर खूब बवाल मचा था.
महुआ मामले में तृणमूल हाईकमान ने चुप्पी साध ली है. पार्टी के बड़े नेता इसे निजी मामला बता कर बात करने से परहेज कर रहे हैं.

महुआ मोइत्रा: बैंकर से फायरब्रांड सांसद तक
असम के कछार में जन्मी महुआ मोइत्रा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई है. अमेरिका के मैसाचुसेट्स में माउंट होलोके कॉलेज साउथ हैडली से 1998 में अर्थशास्त्र और मैथ्स में ग्रेजुएशन किया.
पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद महुआ बैंकिंग सेक्टर में चली गई. महुआ प्रतिष्ठित बैंकिंग कंपनी जेपी मॉर्गन चेज के लंदन और न्यूयॉर्क शाखा में काम किया. इसी दौरान महुआ की शादी ने डेनिश फाइनेंसर लार्स ब्रॉर्सन से हुई थी.
हालांकि, यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और दोनों के बीच तलाक हो गया.
महुआ 2008 में कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर भारत आ गईं और लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल की पॉलिटिक्स में सक्रिय हो गईं. उन्होंने 2009 में कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस में महुआ की एंट्री राहुल गांधी के कांग्रेस के सिपाही मिशन के तहत हुई.
2016 में महुआ पहली बार विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुई. वे करीमनगर सीट से विधायक बनी. यह सीट वाममोर्चा का गढ़ माना जाता था. 2019 में महुआ को कृष्णा नगर सीट से टिकट मिला. महुआ जीतने में कामयाब रही और संसद पहुंच गईं.
राजनीति में आने के बाद से महुआ लगातार सुर्खियों में हैं. इस स्टोरी में उनकी 5 कहानियों को विस्तार से जानते हैं…

1. जब ममता ने सांसदी टिकट पर वीटो लगा दिया
बंगाल का किला फतह करने के लिए 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने तृणमूल के साथ समझौता किया. गठबंधन में जब सीट बंटवारे की बात शुरू हुई, तो कांग्रेस ने महुआ के लिए कृष्णा नगर सीट की डिमांड रखी.
कांग्रेस की मांग सुनते ही ममता बनर्जी बिफर गईं. उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि वहां हम महुआ के लिए सीनियर नेताओं को दरकिनार नहीं कर सकते हैं. दोनों दलों के बीच इसके बाद महीनों तक सीट बंटवारे का पेंच उलझा रहा.
आखिर में कांग्रेस को ममता की जिद के आगे झुकना पड़ा और कृष्णा नगर सीट तृणमूल के खाते में चली गई. यहां से पार्टी ने कद्दावर नेता तापस पाल को उम्मीदवार बनाया. पाल जीतने में भी कामयाब रहे.
बंगाल में कांग्रेस की हैसियत देखने के बाद महुआ ने भी पलटी मार दी. उन्होंने 2010 में तृणमूल का दामन थाम लिया.
2. मंच पर प्रोफेसर से माफी मांगी
वाकया 2015 का है, जब जाधवपुर यूनिवर्सिटी के ‘फ्री स्पीच’ कार्यक्रम में महुआ शामिल होने आई थीं. कार्यक्रम के दौरान महुआ ने भरे मंच से एक प्रोफेसर से माफी मांग ली, जो काफी सुर्खियों में रहा.
दरअसल, 2012 में जाधवपुर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर अम्बिकेश महापात्रा ने ममता बनर्जी और मुकुल राय की एक मॉर्फ्ड तस्वीर शेयर की थी. तस्वीर वायरल होने के बाद तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर की पिटाई कर दी. इतना ही नहीं, पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर उक्त प्रोफेसर को जेल भेज दिया.
फ्री स्पीच कार्यक्रम में जब यही सवाल प्रोफेसर ने पूछा, तो महुआ ने कहा कि आपके साथ गलत हुआ. मैं आपसे इसके लिए माफी मांगती हूं. महुआ ने आगे कहा कि तृणमूल कार्यकर्ताओं को आपके ऊपर हिंसा नहीं करनी चाहिए थी. पुलिस ने भी गलत एक्शन लिया.

3. पहले भाषण में ही लगा साहित्यिक चोरी का आरोप
जुलाई 2019 में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए महुआ मोइत्रा ने भारत में देखे गए फासीवाद के 7 शुरुआती लक्षण बताएं. उन्होंने इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रवाद, मीडिया, सीएए-एनआरसी जैसे कानून का भी जिक्र किया.
महुआ के भाषण सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए, क्योंकि लोकसभा में यह उनका पहला भाषण था. इधर, कुछ लोगों ने महुआ पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया. इन लोगों का दावा था कि महुआ ने 2017 में लिखी अमेरिकी लेखक लॉन्गमैन की कविता को चोरी कर संसद में पढ़ दिया.
दावे के मुताबिक लॉन्गमैन ने यह कविता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए लिखी थी.
कविता पर बवाल होने के बाद लॉन्गमैन को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने पोस्ट कर कहा कि मेरी कविता किसी ने चोरी नहीं की. उन्होंने दक्षिणपंथ की राजनीति पर भी सवाल उठाया.
4. ममता बनर्जी ने मंच पर ही लगाई फटकार
2021 में नदिया में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ममता मंच पर ही महुआ को फटकार लगा रही थीं. ममता वीडियो में महुआ से कह रही थीं- यहां जिस तरह से गुटबाजी हावी है, वो गलत है. महुआ आप तय नहीं करेंगी कि कौन चुनाव लड़ेगा
दरअसल, स्थानीय तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने ममता से शिकायत की कि उनके खिलाफ यहां की मीडिया में खूब खबरें छपती है. यूट्यूबर भी गलत आरोप लगाकर खबर छापते हैं. पदाधिकारियों का कहना था कि उन पत्रकारों को महुआ का शह मिली हुई है.
हालांकि, डांटने का एक और एंगल सोशल मीडिया पर सामने आया. कुछ लोगों ने दावा किया कि आडानी पर बोलने की वजह से महुआ को ममता से डांट पड़ी.
2021 में विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी बंगाल में उद्योग लगाने के उद्देश्य से उद्योगपतियों से मिल रही थीं. ममता इस दौरान गौतम अडानी से भी मिलीं. उन्होंने बंगाल में अडानी को निवेश करने का ऑफर दिया था.
अडानी-ममता के मुलाकात के कुछ दिन बाद ही महुआ ने सोशल मीडिया पर उनकी कंपनी को लेकर एक पोस्ट कर दिया था.
5. टीवी डिबेट में केंद्रीय मंत्री ने बता दिया शराबी
2017 में एक टीवी डिबेट के दौरान केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने महुआ को शराबी बता दिया, जिसके खिलाफ महुआ ने मानहानि की शिकायत दर्ज करा दी. महुआ का कहना था कि मंत्री ने डिबेट में मुझे शराबी बताकर मेरा अपमान किया है.
बाबुल का कहना था कि उन्होंने महुआ का जिक्र किया था, जो बंगाल में देशी शराब का एक रूप है.
महुआ उस वक्त पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य थीं. महुआ की शिकायत के बाद बंगाल पुलिस ने बाबुल पर शिकंजा कस दिया. पुलिस ने उन्हें फरार घोषित कर दिया. बंगाल पुलिस की कार्रवाई के डर से बाबुल को कोर्ट जाना पड़ा.
2020 में कोलकाता हाईकोर्ट ने बाबुल को कार्रवाई से राहत दी, लेकिन जमकर फटकार लगाया.
लुई वुइटन की बैग पर भी मचा था बवाल
लोकसभा में महंगाई पर बहस के दौरान महुआ मोइत्रा का लेडीज पर्स खूब वायरल हुआ था. बीजेपी नेताओं का कहना था कि महुआ लुई वुइटन की बैग लेकर संसद जाती हैं और महंगाई पर बहस करती हैं. लुई वुइटन एक ब्रांड है, जिसके प्रोडक्ट की कीमत लाखों में रहती है.
वर्ब मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में महुआ ने बताया था कि उन्हे लुई वुइटन के प्रोडक्ट काफी अच्छे लगते हैं. पोशाक में वे कुरकुरी सूती साड़ी पहनना पसंद करती हैं. महुआ ने यह भी बताया कि उनके पास अभी भी मां की एक नीली साड़ी है, जो उनकी सबसे पसंदीदा साड़ी है.
महुआ ने इंटरव्यू में बताया था कि मां ने यह नीली साड़ी अपनी शादी के दिन पहनी थीं. आमतौर पर बंगाल की औरत शादी पर लाल साड़ी पहनती हैं, लेकिन मेरी मां ने इसका विरोध किया था.
story By: abplive