एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. डॉ. केके शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित संस्थान के सीनेट की 38वीं बैठक में इस नई नीति पर चर्चा हुई। इसके बाद और बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) में चर्चा करने के इसे लागू करने पर सहमति बन गई है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर (NIT Jamshedpur) ने अपने छात्रों के लिए एक बेहतर सुविधा शुरू की है। संस्थान ने फैसला किया है कि अब छात्रों को अपनी डिग्री को पूरा करने के लिए आठ साल का समय दिया जाएगा। यानी की अगर छात्र अपने पाठ्यक्रम को बीच में छोड़ते हैं, तो आने वाले वह इसकी आठ साल की अवधि तक कभी भी अपनी डिग्री को पूरा कर सकेंगे। यह फैसला ऐसे छात्रों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जो एक और पेशेवर डिग्री हासिल करना चाहते हैं या विभिन्न कारणों से अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं।
जान लें जरूरी नियम
एनआईटी, जमशेदपुर में पढ़ाई करने वाले छात्र अगर अपने पाठ्यक्रम को बीच में ही छोड़ देते हैं तो उनका नुकसान नहीं होगा। छात्र अपनी इंजीनियरिंग खत्म करने के लिए एनआईटी में भी लौट सकते हैं। हाालंकि, इसमें एक शर्त यह भी है कि छात्र का कम से कम दो साल संस्थान में पढ़ना जरूरी है। इसके बाद ही संस्थान छोड़कर जाने वालों को वापसी का मौका मिलेगा। इससे पहले तक छात्रों द्वारा तीन साल संस्थान में पढ़ाई कर के पाठ्यक्रम छोड़ने के बाद उनका प्रवेश कैंसिल कर दिया जाता था। नई नीति के तहत छात्रों को दो साल की पढ़ाई के लिए उनके वर्चुअल एकेडेमिक क्रेडिट बैंक में एकेडेमिक प्वाइंट क्रेडिट दिए जाएंगे। इसके बाद छात्र अपनी पढ़ाई के बीच में गैप ले सकते हैं। 8 सालों के भीतर छात्र कभी भी आकर अपनी पढ़ाी पूरी कर सकेंगे।
सीनेट की बैठक में फैसला
एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. डॉ. केके शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित संस्थान के सीनेट की 38वीं बैठक में इस नई नीति पर चर्चा हुई। इसके बाद और बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) में चर्चा करने के इसे लागू करने पर सहमति बन गई है। हालांकि, इस नीति को पूर्ण रूप के बजाय चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।