जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने अल्पमत का फैसला पढ़ते हुए कहा कि राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर टैक्स लगाने का विधायी अधिकार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने गुरुवार (25 जुलाई, 2024) को कहा कि राज्य सरकारों को अपने यहां से निकलने वाले खनिज के लिए सेस वसूलने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि माइनिंग के लिए केंद्र को मिलने वाली रॉयल्टी टैक्स नहीं है और राज्यों को टैक्स वसूलने का अधिकार है. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की 9 जजों की बेंच ने 8:1 बहुमत के साथ यह फैसला दिया है. हालांकि, बेंच की इकलौती महिला जज की इस पर सहमति नहीं थी.
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के अलावा, बेंच में जस्टिस बी. वी नागरत्ना, जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस अभय एस. ओका, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस उज्ज्ल भुइयां, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह थे. जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने अल्पमत का फैसला पढ़ते हुए कहा कि राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर टैक्स लगाने का विधायी अधिकार नहीं है. जस्टिस नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की ऐसी जज हैं, जो कई बड़े मामलों में अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहती हैं.

कई बड़े मालमों में जस्टिस नागरत्ना की अहम टिप्पणी
इसी साल जनवरी में उन्होंने गुजरात के बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. उन्होंने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसला को गलत बताया था. इसी तरह साल 2016 में 500 और 1000 के नोट बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले पर भी जस्टिस नागरत्ना ने अलग राय दी थी. जहां, बेंच ने नोटबंदी के फैसले को वैध करार दिया. वहीं, जस्टिस नागरत्ना ने इसे गलत और गैरकानूनी करार दिया था. इनके अलावा, फ्रीडम ऑफ स्पीच, हेट स्पीच और नाजायज संतान से जुड़े एक मामले को लेकर भी अपनी टिप्पणी से वह काफी चर्चा में रहीं.
2021 से सुप्रीम कोर्ट की जज हैं जस्टिस नागरत्ना?
जस्टिस बी. वी. नागरत्ना साल 2021 से सुप्रीम कोर्ट की जज हैं. उन्होंने साल 1987 में केईएसवीवाई एंड को. के साथ वकालत शुरू की और 1994 में उन्होंने इंडीपेंडेंट एडवोकेट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद साल 2008 में वह कर्नाटक हाईकोर्ट की जज के तौर पर नियुक्त की गईं. 18 फरवरी, 2008 को उन्हें एडिशनल जज बनाया गया और 17 फरवरी, 2010 को कर्नाटक हाईकोर्ट का परमानेंट जज नियुक्त किया गया. यहां जज रहते हुए जस्टिस नागरत्ना को कर्नाटक ज्यूडिशियल एकेडमी और बैंगलोर मेडिटेशन सेंटर का प्रमुख भी बनाया गया. इसके बाद 31 अगस्त, 2021 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त किया गया और 29 अक्टूबर, 2027 को उनका रिटायरमेंट है.
बेंगलुरु से हैं जस्टिस नागरत्ना
जस्टिस बी. वी नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को बेंगलुरु में हुआ था. उन्होंने 1984 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के जिसस एंड मैरी कॉलेज से इतिहास में बीए. ऑनर्स किया और डीयू से ही कानून की पढ़ाई भी की. साल 1987 में उन्होंने डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से एलएल.बी. की डिग्री ली.
Source: abpnews
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