इस वक्त न सिर्फ बाहुबलियों-माफियाओं के दिन बुरे चल रहे, बल्कि उनकी पत्नियों के दिन भी अच्छे नहीं हैं। अतीक की पत्नी शाइस्ता के बाद अब पुलिस मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां की तलाश में भी लगातार छापेमारी कर रही है। 1 साल से लापता अफशां का पता बताने वाले को अब 50 हजार रुपए इनाम में मिलेंगे।
अफशां-शाइस्ता UP पुलिस की मोस्ट-वांटेड महिला अपराधियों की लिस्ट में टॉप-3 में हैं। पहले नंबर पर बाइक बोट घोटाले की आरोपी दीप्ति बहल है। दीप्ति पर 5 लाख का इनाम है। अफशां दूसरे नंबर पर है। इस लिस्ट में 3 नंबर पर शाइस्ता है। शाइस्ता की कहानी आप पढ़ चुके हैं। आज मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के बारे में जानते हैं।
- अफशां की इस कहानी में अपराध भी है और प्यार भी। शुरुआत अपराध से करते हैं…
वह केस, जिसने अफशां को 50 हजार का इनामी डॉन बनाया
UP के मऊ जिले के दक्षिण टोला के रैनि गांव के पास विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म बनाकर जमीन ली गई। इस पर एक गोदाम बनना शुरू हुआ। गोदाम तैयार होने के बाद कंपनी ने इसे FCI यानी फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को किराए पर दे दिया। ये फर्म 5 लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
कागजों पर पहला नाम मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी का था। फिर उसके दोनों साले अनवर शहजाद और आतिफ रजा का नाम था। चौथा नाम रवीन्द्र नारायण सिंह और 5वां जाकिर हुसैन उर्फ विक्की का था।
FCI को गोदाम का हैंडओवर दिए जाने के बाद पुलिस को लोकल सोर्स से यह पता चला कि ये जमीन गलत तरीके से हथियाई गई है। इसके बाद राजस्व विभाग को इसकी जांच का जिम्मा दिया गया। तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव को बुलाया गया और टीम मौके पर पहुंची।
2 दिन की जांच में यह खुलासा हुआ कि जिस जमीन पर विकास कंस्ट्रक्शन फर्म ने गोदाम खड़ा किया, वह असल में दलितों को पट्टे पर दी गई थी। बाद में इसे गलत तरीके से अपने नाम करा लिया गया।
अब कहानी में बुलडोजर की एंट्री होती है…
राजस्व विभाग ने सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट के आधार पर साल 2020 में जमीन हथियाने के मामले में अफशां अंसारी और दोनों भाइयों समेत 5 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। सब पर लोक संपत्ति क्षति अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ।
एक साल बाद यानी जून, 2021 में प्रशासन और भारी पुलिस फोर्स बुलडोजर के साथ गोदाम पर पहुंचा। टीवी चैनलों पर इस कार्रवाई को लाइव दिखाया जा रहा था। बुलडोजर से पहले बाउंड्रीवाल को गिराया गया। फिर जमीन से कब्जा हटवाया गया।
जब यह कार्रवाई हो रही थी, तब मुख्तार जेल में और अफशां पुलिस की नजरों से दूर थी। 7 महीने बाद इसी मुकदमे को आधार बनाने हुए 31 जनवरी, 2022 को अफशां पर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया गया। उस पर इनाम की राशि 25 हजार रुपए कर दी गई।
चारों मुजरिम कोर्ट गए, लेकिन अफशां नहीं पहुंची
लैंड फ्रॉड में नाम आने के बाद पुलिस जगह-जगह अफशां को खोज रही थी। गाजीपुर से लेकर मऊ पुलिस ने कई बार मुख्तार के पुश्तैनी घर और उसके गुप्त ठिकानों पर अफशां की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। लेकिन, उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली। यहां तक कि इस मामले की सुनवाई में अफशां के 2 भाई समेत चारों लोग कोर्ट में पेश हुए। लेकिन, मुख्तार की पत्नी आज तक पुलिस के सामने नहीं आई है।
- दलितों की जमीन को कब्जाने के मामले में अप्रैल, 2023 में हुई पेशी में भी अफशां नहीं पहुंची। इसके बाद उस पर इनाम की राशि को बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई।
अफशां पर कुल इनामी रकम 75 हजार पहुंची
कोर्ट में न पेश होने और लगातार मिल रही नोटिस के बाद भी फरार रहने के कारण 20 अप्रैल को मऊ पुलिस ने अफशां पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। जबकि गाजीपुर में गजल होटल लैंड डील और नंदगंज में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के केस में उस पर पहले ही 25 हजार का इनाम घोषित था।
जिसे बुधवार (19 अप्रैल) को गाजीपुर पुलिस ने बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया। इस तरह अफशां पर गाजीपुर जिले से 50 हजार का इनाम और मऊ में 25 हजार रुपए का इनाम घोषित है।
अफशां पर गाजीपुर कोतवाली में 406, 420, 386 और 506 IPC की धारा में मुकदमा दर्ज हैं। यह मुकदमा अफशां के सगे चाचा ने करोड़ों की हेराफेरी को लेकर दर्ज करवाया है। इसके अलावा गैंगस्टर एक्ट में मऊ कोतवाली में भी मुकदमा दर्ज है। उस पर दर्ज कुल 11 मुदकमों में 3 मऊ और 8 गाजीपुर जिले के हैं।
पुलिस रिकॉर्ड में अफशां IS-191 गैंग की सदस्य
19 अप्रैल 2023, गाजीपुर पुलिस ने मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट जारी की। जिले के SP ओमवीर सिंह ने बारी-बारी 11 नाम पढ़े। 12वां मुख्तार की बीवी अफशां का था। उन्होंने कहा- अफशां की इनामी राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई है।
अफशां पर गजल होटल लैंड डील, नंदगंज में सरकारी जमीन को कब्जा करने समेत 6 मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस रिकॉर्ड में अफशां अंसारी की आइडेंटिटी इंटर स्टेट-191 गैंग की सदस्य के तौर पर है। कुछ मामलों में उसके के साथ उसके 2 भाइयों को भी पुलिस ने नामजद किया है। यूपी पुलिस ने अफशां की तलाश में गाजीपुर, मोहम्मदाबाद, मऊ और लखनऊ में जगह-जगह दबिश दे रही है।
- आइए अब अफशां और मुख्तार की मुलाकात का मजेदार किस्सा जानते हैं…
यूसुफपुर में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद मुख्तार ग्रेजुएशन करने शहर पहुंचा। गाजीपुर पीजी कॉलेज में एडमिशन लिया। जब भी वक्त लगता, टाउन हॉल के ग्राउंड पर क्रिकेट खेलने पहुंच जाता। लंबी कद-काठी के बल्लेबाज था, इसलिए लंबे छक्के लगाता था। इसी ग्राउंड के पास सैय्यदवाड़ा मोहल्ले में अफशां का घर था। अफशां आते-जाते मुख्तार को देखती। मुख्तार भी देखता, लेकिन कभी दोनों में कोई बात नहीं हुई।
अफशां शहर के ही एक गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ती थी, जो पीजी कॉलेज के पास ही था। यहां भी दोनों ने एक-दूसरे को निहारने का क्रम बरकरार रखा। इसके कुछ ही दिनों बाद मुख्तार की हिम्मत बढ़ी और उसने अफशां से बात की। दोनों को एक-दूसरे में इंट्रेस्ट था, इसलिए मुलाकातें बढ़ने लगीं। मुलाकातें प्यार में बदली और दोनों ने 1989 में शादी कर ली। उनके 2 बच्चे अब्बास और उमर अंसारी हैं।
विधायक की हत्या के बाद मुख्तार बना पूर्वांचल का सबसे बड़ा डॉन
तारीख थी 25 नवंबर, 2005। विधायक कृष्णानंद बुलेटप्रूफ गाड़ी के बजाय नॉर्मल गाड़ी से पड़ोसी गांव में क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे। कार्यक्रम से निकले ही थे कि भांवरकोल की बसनिया पुलिया के पास एक सिल्वर ग्रे कलर की SUV सामने आकर खड़ी हो गई।
8 लोग SUV से उतरे और विधायक कृष्णानंद राय की गाड़ी पर AK-47 से फायरिंग कर दी। शरीर के साथ पूरी गाड़ी छलनी हो गई। घटनास्थल पर कम से कम 500 राउंड गोलियां चलीं। 7 लोग मारे गए। पोस्टमॉर्टम हुआ, तो इन सातों शव से 67 गोलियां निकाली गईं।
पीछे वाली गाड़ी पर सवार रहे विधायक कृष्णानंद के भाई रामनारायण राय बताते हैं कि मारने वाले कह रहे थे, “मारो इनको, इन लोगों ने भाई को बहुत परेशान कर रखा है।” लोग बताते हैं कि ये भाई कोई और नहीं, बल्कि मुख्तार अंसारी था।
कृष्णानंद राय के साथ पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम शंकर राय, रमेश राय, अखिलेश राय, मुन्ना यादव, शेषनाथ पटेल और निर्भय नारायण उपाध्याय की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के बाद जमकर तोड़फोड़ हुई। हंगामा हुआ। विधायक की पत्नी अलका राय ने मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी, अताहर रहमान उर्फ बाबू और संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
मुख्तार अंसारी बीते 18 साल से देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहा। साल 2021 में UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार को पंजाब की जेल से UP शिफ्ट करने की पैरवी की थी, जिसके बाद उसे अप्रैल, 2021 को वापस UP लाया गया था। तब से वह बांदा जेल में बंद है।
- यहां तक आपने अफशां की कहानी जान ली। अगले 3 पैराग्राफ में अतीक की पत्नी शाइस्ता के बारे में भी जान लेते हैं।
अतीक की पत्नी शाइस्ता पर भी है 50 हजार का इनाम
UP पुलिस की महिला अपराधियों की लिस्ट में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता तीसरे नंबर पर है। अफशां की तरह उस पर भी 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है। 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद UP STF और पुलिस शाइस्ता को लगातार ढूंढ रही है।
इस हत्याकांड में शाइस्ता को उमेश के घरवालों ने नामजद किया है। उसके पांच बेटों में तीसरे बेटे असद और पति अतीक की हत्या हो चुकी है। शाइस्ता दोनों के ही अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाई थी।
शाइस्ता के पॉलिटिकल करियर की बात करें, तो उसने 5 जनवरी 2023 को बसपा की सदस्यता प्रयागराज में ले ली। इसके बाद वह बसपा के टिकट से मेयर की उम्मीदवारी की तैयारी करने लगी। शाइस्ता को पूरी उम्मीद थी कि बसपा के टिकट पर वह प्रयागराज की मेयर बन जाएगी। उसने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था।
शाइस्ता अब घरेलू महिला से कुशल नेता बनने की ओर चल पड़ी थी। बसपा की सदस्यता लेने के बाद शाइस्ता परवीन ने भाषण भी दिया था। जिसमें वह कुशल नेता की तरह जनता को संबोधित कर रही थी। कई लोगों ने शाइस्ता के भाषण के बाद उसकी तारीफ भी की थी।
तब शाइस्ता ने कहा था कि उनका पूरा परिवार हमेशा से बहन जी यानी मायावती के साथ रहा है। उसने कहा था कि उनके साथ न्याय होगा। …लेकिन शाइस्ता बसपा के टिकट से मेयर का चुनाव लड़तीं, उससे पहले ही उमेश पाल की हत्या हो गई। इसके बाद से शाइस्ता फरार है। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम है।
- यूपी पुलिस की हिट लिस्ट में टॉप-25 माफिया…
UP पुलिस ने प्रदेश के सभी जोन से 25 अपराधी और माफिया की लिस्ट जारी की है। इसमें उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने गंभीर अपराध किए हैं। यह लिस्ट धर्म और जाति को आधार बनाकर तैयार नहीं की गई है। इस लिस्ट में अतीक और अशरफ की मौत के बाद उनके नाम हटा दिए गए हैं।
- अतीक से जुड़ी और खबरें आप यहां पढ़ें…
बिना बुलाए पहुंचा था माफिया, चीफ गेस्ट बना; फोटो छपी तब प्रिंसिपल को पता चला
प्रयागराज के सेंट जोसेफ स्कूल में माफिया अतीक के सभी बेटों ने पढ़ाई की। स्कूल की कैंटीन से लेकर प्ले-ग्राउंड तक उनके रौब के कई किस्से फैले हुए हैं। खुद अतीक 20 साल पहले यहां बिना बुलाए चीफ गेस्ट बनकर पहुंचा था। बच्चों को इनाम दिए थे और कॉलेज प्रशासन को इसकी खबर दूसरे दिन लगी।
ये वही स्कूल है, जहां के पासआउट 4 स्टूडेंट्स सुप्रीम कोर्ट के जज और 16 हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं। एक्स एयरचीफ मार्शल अनिल कुमार ब्राउन और देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण तक ने यहां से पढ़ाई की।
बेटे की कब्र से 3KM दूर हुई हत्या, गोली लगने के 3 सेकेंड पहले असद से जुड़े सवाल पर बोला अतीक
असद के जनाजे से लेकर अतीक की हत्या के बीच गुजरे 12 घंटे किसी इत्तेफाक से कम नहीं थे। अतीक जीते-जी अपने बेटे को दफन होते भले ही न देख पाया हो, लेकिन मरते-मरते उसकी जुबान पर बेटे का ही जिक्र आया। इन 12 घंटों के बीच क्या-क्या हुआ? कैसे 15 अप्रैल की तारीख अतीक और उसके कुनबे के लिए काला दिन बन गई?
मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते वक्त सिर में गोली मारी; तीन हमलावरों ने सरेंडर किया
माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई है। पुलिस उन्हें अस्पताल में मेडिकल टेस्ट के लिए ले जा रही थी। पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन युवक मीडियाकर्मी बनकर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी। इसके बाद अशरफ पर फायरिंग की। दोनों वहीं ढेर हो गए।
12वीं के बाद पढ़ाई के लिए विदेश जाना था; पिता का अपराध बना रोड़ा, जानिए पूरी कहानी
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम मोहम्मद को यूपी एसटीएफ ने झांसी में मार गिराया। असद ने ही उमेश को मारने की साजिश रची और फिर प्रयागराज में दिनदहाड़े अपने गुर्गों के साथ उनकी हत्या कर दी। असद लखनऊ के एक नामी कॉलेज से 12वीं करने के बाद पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था। लेकिन परिवार के आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से पासपोर्ट क्लियर नहीं हो रहा था।
असद से कहा- चलाओ गोली, धड़ाधड़ फायरिंग करके खाली कर दी मैगजीन
उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे सुर्खियों में हैं। CCTV में उमेश पर गोलियां दागता अतीक का बेटा असद दिख रहा है। ऐसे में एक और वीडियो वायरल हो रहा है। जिसको लेकर दावा है कि वो असद के बचपन का है। इसमें अतीक अहमद की आवाज है कि चलाओ गोली।
Source : Dainik Bhaskar
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