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Monkeypox outbreak: क्या कोरोना से भी खतरनाक है मंकीपॉक्स? इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

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Monkeypox outbreak: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी कि लाइलाज एवं जानलेवा मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.

Monkeypox outbreak: कोरोना वायरस महामारी (Corona virus pandemic) अभी खत्म नहीं हुआ है, इसी दौरान कुछ देशों में मंकीपॉक्स ( Monkeypox) का प्रकोप फैलना शुरू हो गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी कि लाइलाज एवं जानलेवा मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.

डब्लूएचओ ने कहा है कि यह बीमारी उन देशो में भी फैल रही है, जहां उम्मीद नहीं की जा रही थी. डब्लूएचओ आने वाले दिनों में मंकीपॉक्स के प्रसार को कम करने हेतु जल्द ही कोई गाइडलाइंस जारी कर सकता है. बता दें इजराइल, स्विटजरलैंड एवं ऑस्ट्रिया मंकीपॉक्स के केसों की पुष्टि करने वाले नए देश हैं.

मंकीपॉक्स को महामारी घोषित किया जाए

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी दुनिया में मंकीपॉक्स वायरस के तेजी से फैलने पर हरकत में आ गया है. उसने इसके लिए एक आपातकालीन मीटिंग बुलाई. बता दें बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि क्या मंकीपॉक्स को महामारी घोषित कर दिया जाए?

क्या कोरोना से भी खतरनाक है मंकीपॉक्स?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार मंकीपॉक्स कोविड की तरह खतरनाक नहीं है. कोरोना से होने वाली मौतों की तुलना यदि मंकीपॉक्स से की जाए तो इससे होने वाली मृत्युदर 1 प्रतिशत है. कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े 6, 7 या 8 प्रतिशत से भी ज्यादा रिपोर्ट किए गए हैं. ऐसे में अभी तक के आंकड़ों के अनुसार मंकीपॉक्स कोरोना से ज्यादा खतरनाक नहीं है.

हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित हुए शख्स को आइसोलेट कर दिया जाना चाहिए, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बहुत कम हो. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि देश मंकीपॉक्स संकट पर नजर रखें जिससे इसका फैलाव व्यापक स्तर पर न होने पाए.

किसके लिए खतरनाक है मंकीपॉक्स?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार मंकीपॉक्स के अधिकांश मामलों में संक्रमित बिना किसी उपचार के कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं. लेकिन यह बीमारी कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं तथा ऐसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनके लिए यह बीमारी बहुत खतरनाक साबित हो सकती है.

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षण में संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार, सूजन, पीठ दर्द, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द तथा थकान जैसे लक्षण दिखते हैं. बता दें मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है. इसका असर बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर दिखना शुरू होता है. त्वचा पर दाने निकल आते हैं. ये दाने घाव जैसे दिखते हैं तथा खुद सूखकर गिर जाते हैं.

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है. यह बीमारी चेचक की तरह ही है. हालांकि, यह बीमारी आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं है. यह वायरस पहली बार साल 1958 में बंदरों में पाया गया था. यह केस इंसानों में पहली बार साल 1970 में दर्ज किया गया था.

यह बीमारी कैसे फैलता है?

यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति को छूने से उसकी छींक से, संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित व्यक्ति की वस्तुओं को इस्तेमाल करने से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की यदि मानें तो मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है. इस बीमारी का संक्रमण कुछ मामलों में जटिल हो सकता है.

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