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अनवार उल हक होंगे पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री:13 अगस्त को लेंगे शपथ; संसद भंग होने के 2 दिन बाद लिया फैसला

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पाकिस्तान में नेशनल असेंबली भंग होने के 2 दिन बाद अनवार उल हक को केयरटेकर पीएम के रूप में चुना गया है। विपक्ष और सरकार में अनवार के नाम पर सहमति बनी है। ये बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) के सीनेटर हैं। शाहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज ने उनके नाम को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनवार उल हक 13 अगस्त को शपथ लेंगे। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक संसद भंग होने के बाद एक न्यूट्रल केयरटेकर सरकार 90 दिनों के भीतर देश में कामकाज के लिए जिम्मेदार होती है। अब अनवार पर ही पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी होगी।

कौन हैं 2018 में सांसद चुने गए अनवार उल हक
अनवार उल हक का नाम दो बैठकों के बाद तय हुआ है। केयर टेकर पीएम चुनने के लिए शाहबाज शरीफ और राजा रियाज के बीच पहली बैठक 10 अगस्त को हुई थी। इसके बाद वो कल रात फिर डिनर पर मिले।

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के मुताबिक अनवार उल हक का केयरटेकर पीएम बनना लगभग तय था। इसकी वजह उनसे जुड़ा कोई बड़ा विवाद नहीं होना है। उनका परिवार पश्तून ट्राइबल से ताल्लुक रखता है। वह बलोच और पश्तून दोनों पर पकड़ रखते हैं। 2018 में वो पहली बार बतौर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट सीनेटर चुने गए थे।

केयर टेकर पीएम चुनने में देरी की वजह
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के मुताबिक केयर टेकर प्रधानमंत्री चुनने में जो देरी हुई उसकी वजह रजा रियाज का इस पद के लिए किसी दूसरे का नाम सुझाना था। वो PML-N के सुझाए गए नाम पर राजी नहीं हो रहे थे। वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक लंदन से पू्र्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने भाई शाहबाज के जरिए पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार को केयर टेकर पीएम बनवाने के लिए दबाव बना रहे थे।

हालांकि बाद में शाहबाज और राजा रियाज के बीच केयर टेकर पीएम के लिए अनवार उल हक के नाम पर सहमति बनी। राजा रियाज ने उनके नाम की घोषणा होने के बाद कहा कि अनवार का नाम उन्होंने ही सुझाया था।

पाकिस्तान में चुनाव की तारीख तय नहीं
शाहबाज ने कुछ दिन पहले कहा था- जनरल इलेक्शन तय वक्त (अक्टूबर के आखिर या नवंबर की शुरुआत) में होंगे। इसके साथ ही राज्यों में भी चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि उनके ही होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने मंगलवार को कहा- मार्च से पहले इलेक्शन कराना मुमकिन ही नहीं है।

इस साल चुनाव बेहद मुश्किल क्यों?
काउंसिल ऑफ कॉमन इंट्रेस्ट (CCI) ने पिछले हफ्ते मीटिंग की थी। इसमें जनगणना 2023 को मंजूरी दी गई थी। अब इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान (ECP) को इसी जनगणना के आधार पर नए चुनाव क्षेत्र (परिसीमन या delimitation) बनाने हैं।

इलेक्शन कमीशन कह चुका है कि उसे परिसीमन के लिए कम से कम 6 महीने चाहिए। इसके बाद ही वो राज्यों या फिर नेशनल असेंबली के इलेक्शन करा सकता है। जनगणना को चारों राज्य भी मंजूर कर चुके हैं। लिहाजा, परिसीमन के लिए 6 महीने दिए जाएंगे और अगले साल फरवरी या मार्च से पहले चुनाव कराना मुमकिन नहीं होगा।

कैसे तय होता है केयरटेकर पीएम का नाम?
संसद भंग होने के 3 दिन के भीतर प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता आम सहमति से कार्यवाहक (Caretaker) प्रधानमंत्री के नाम की सिफारिश करते हैं। राष्ट्रपति इस सिफारिश पर मुहर लगाते हैं। अगर पीएम और विपक्ष के नेता के बीच आम सहमति नहीं बन पाती तो दोनों की तरफ से 2-2 नाम कमेटी को भेजे जाते हैं। 8 सदस्यों वाली कमेटी की नियुक्ति नेशनल असेंबली के स्पीकर करते हैं। ये कमेटी 3 दिनों के भीतर कार्यवाहक पीएम का नाम फाइनल करती है।

source by : dainik bhaskar

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