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केके पाठक के नए आदेश से अब बच नहीं पाएंगे ‘मुन्ना भाई’, BPSC टीचरों के थम्ब इम्प्रेशन-आधार कार्ड हिस्ट्री की होगी जांच

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बिहार में बीपीएससी के माध्यम से दो चरणों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षकों को पकड़ने के उद्देश्य से 15 जनवरी से एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 15 जनवरी से शिक्षा विभाग की ओर से बीपीएससी से चयनित अभ्यर्थियों का थंब इम्प्रेशन मिलान और आधार कार्ड हिस्ट्री चेक किया जाएगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।

हाइलाइट्स

  • सतर्कता के बावजूद फर्जी शिक्षकों ने योगदान दिया
  • हाजीपुर और सहरसा में फर्जी शिक्षकों का खुलासा
  • काम कर रहे शिक्षकों थंब इम्प्रेशन की होगी जांच
  • आधार कार्ड की हिस्ट्री जांच भी निर्देश

पटनाः बिहार में पहले चरण में एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई, लेकिन बीपीएससी की ओर से चयनित फर्जी टीचरों की पहचान के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से राज्य के सभी जिला पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में केके पाठक ने बताया कि 2 नवंबर 2023 को लगभग एक लाख 20 हजार टीचरों को तदर्थ नियुक्ति पत्र वितरण किया गया। जिसके बाद इन शिक्षकों का स्कूलों में पदस्थापन किया गया। अभी एक लाख से अधिक शिक्षक स्कूलों में योगदान देकर अध्यापन का कार्य भी कर रहे हैं। लेकिन इस दौरान ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई, जिससे पता चला कि ऐसे कुछ लोगों ने फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाने अथवा फर्जी नाम से स्कूल में योगदान दिया है या ऐसी कोशिश की है। हाल ही में वे हाजीपुर और सहरसा जिले में ऐसे प्रकरण सामने आए हैं। इस मामले में संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दायर की जा चुकी है। इसमें कुछ की गिरफ्तारियां भी हुई।

सतर्कता के बावजूद फर्जी शिक्षकों ने योगदान दिया

अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि ध्यान देने की बात यह है कि इतनी सतर्कता बरतने के बावजूद ऐसा कैसे हो गया कि जिस व्यक्ति ने बीपीएससी की परीक्षा दी थी, वह कोई और है और जिस व्यक्ति ने स्कूल में योगदान दिया, वह कोई और है। यह इस कारण हुआ क्योंकि बीपीएससी ने उस समय (नवंबर 2023 में) विभाग को उन अभ्यर्थियों का थंब इम्प्रेशन नहीं सौंपा था, जिसके कारण जांच नहीं हो पाई कि जिस व्यक्ति ने स्कूल में योगदान किया है, यह वही व्यक्ति है, जिसने बीपीएससी की परीक्षा दी थी। जिला स्तर पर ये लोग इसलिए पकड़ में नहीं आए, क्योंकि संभवतः काउंसिलिंग में भी वही व्यक्ति आया, जिसने बीपीएससी की परीक्षा दी थी।

हाजीपुर और सहरसा में फर्जी शिक्षकों का खुलासा

केके पाठक ने बताया कि 18 दिसंबर के बाद प्रत्येक जिले में अचानक 4 हजार अध्यापकों को फिर से जांच के लिए बुलाया गया, जब उनकी पहचान की गई, तो 1 टीचर हाजीपुर का और सहरसा के दो टीचर पकड़े गए। जबकि तीन अन्य शिक्षक भाग खड़े हुए। इसे देखने हुए विभाग ने पुनः बीपीएससी को कहा कि दूसरे चरण की वर्तमान में चल रही काउंसिलिंग के लिए थंब इम्प्रेशन अनिवार्य रूप से दिया जाए, साथ ही टीआरई-1 के अभ्यर्थियों का भी थंब इम्प्रेशन उपलब्ध करा दिया जाए। जिस पर बीपीएससी ने दोनों परीक्षाओं के लिए थंब इम्प्रेशन उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है। बीपीएससी के वेंडरों की ओर से सभी जिलों में मशीन लगाना भी शुरू कर दिया गया है।

एक महीने से काम कर रहे शिक्षकों थंब इम्प्रेशन की होगी जांच

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि विभाग ने पहले चरण की परीक्षा में चयनित सभी टीचरों का 15 जनवरी से फिर से जांच प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पहले चरण में कार्यरत सभी शिक्षकों को स्कूल अवधि समाप्त होने के बाद प्रधानाध्यापक के साथ जिला मुख्यालय में चरणबद्ध तरीके से बुलाकर थंब इम्प्रेशन मिलान का निर्देश दिया है। एसीएस केके पाठक ने कहा कि प्रधानाध्यापक को साथ आना इसलिए जरूरी है, ताकि वह बता सकें कि यह वहीं स्कूल शिक्षक है, जो पिछले लगभग एक महीने से उनके स्कूल में पढ़ा रहे है। यदि बीपीएससी की मशीन में स्टोर किए गए थंब इम्प्रेशन से उस टीचर का थंब इम्प्रेशन का मिलान नहीं होता है, तो यह माना जाएगा कि वे फर्जी शिक्षक है और उनकी गहन छानबीन कर प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

आधार कार्ड की हिस्ट्री जांच भी निर्देश

एसीएस केके पाठक ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जब ये अध्यापक आएं, तो उनका आधार लिंक मोबाइल के माध्यम से एम आधार एप्प पर जाकर भी संतुष्ट हो लें कि पिछले 6 महीनों में उन्होंने अपने आधार कार्ड में क्या-क्या बदलाव किए है। सभी को जानकारी है कि कोई भी आधारकार्डधारी अपना नाम, पता और फोटो आधारकार्ड में बदल सकता है। सहरसा वाले प्रकरण में ठीक यही बात हुई थी। उस फर्जी टीचर ने 2 नवंबर 2023 को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र लेने के ठीक एक दिन पहले अपने आधार कार्ड में अपनी असली फोटो डाल दी थी। इसलिए संबंधित स्कूल टीचर को जब बुलाया जाए, तो उनका आधार लिंक मोबाइल से ओटीपी प्राप्त कर आधार की वेबसाइट ‘एम आधार’ पर जाकर पूरा इतिहास देख लिया जाए कि उसने कब कब अपने आधार में किस प्रकार के बदलाव किए है।

क्यूआर स्कैनर ऐप पर जाकर कोड को किया जाएगा स्कैन

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आधार के क्यूआर स्कैनर ऐप पर जाकर आध्यापक के आधार कार्ड पर दिए गए क्यू आर कोड को भी स्कैन करने का निर्देश दिया है, ताकि पता चले कि कोई संदेहास्पद बात तो नहीं है। इसके अलावा सीसीटीवी की निगरानी, अध्यापक और प्रधानाध्यापक जब उपरोक्त प्रक्रिया से गुजर रहे हों तो उस कैमरे में सीसीटीवी की व्यवस्था होनी चाहिए। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जिला स्तर से एक दंडाधिकारी की तैनाती भी होगी।

दूसरे चरण की काउंसिलिंग के दौरान भी होगी जांच

केके पाठक ने कहा कि दूसरे चरण की परीक्षा के बाद बीपीएससी से चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग भी चल रही है। इसलिए इस दौरान भी आवश्यक सावधानी बरतने की जरूरत है। इन सभी चयनित अभ्यर्थियों के थंब इम्प्रेशन का भी मिलान होगा। इसके अलावा एम आधार ऐप पर जाकर आधार कार्ड की हिस्ट्री की जांच की जाएगी। वहीं क्यू आर स्कैनर ऐ परभी जाकर अभ्यििर्थयों के आधार कार्ड पर दिए गए क्यूआर कोड को भी स्कैन किया जाएगा। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे से सभी की निगरानी होगी।

source by: NBT News

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