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झारखंड में UCC और CAA पर हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, प्रस्ताव पारित

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झारखंड में UCC और CAA को लेकर हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी राज्यों, खासकर पिछड़े राज्यों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय बजट को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और इसे अमीरों के हित में बताया।

JMM का स्थापना दिवस और ऐतिहासिक प्रस्ताव

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अपने 46वें स्थापना दिवस पर बड़ा कदम उठाते हुए CAA, UCC और NRC को खारिज करने सहित 50 सूत्री प्रस्ताव पारित किया। यह कार्यक्रम 2 फरवरी को दुमका के गांधी मैदान में आयोजित हुआ, जहां पार्टी ने झारखंड में छोटानागपुर काश्तकारी (CNT) और संथाल परगना काश्तकारी (SPT) अधिनियमों के सख्त क्रियान्वयन की मांग भी उठाई।

झारखंड के हक की मांग

JMM ने केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाये के शीघ्र भुगतान की मांग की। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड खनिज संसाधनों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है, फिर भी यह राज्य सबसे पिछड़ा बना हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग नहीं चाहते कि आदिवासी बहुल झारखंड के लोग आत्मनिर्भर बनें।

बजट पर सोरेन का निशाना

हेमंत सोरेन ने केंद्रीय बजट को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि इसमें सिर्फ अमीरों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि आयकर में छूट से आम लोगों को कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि महंगाई पहले से ही आसमान छू रही है। GST में भी कोई राहत नहीं दी गई।

महिला सशक्तिकरण पर जोर

सोरेन ने दावा किया कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं को ₹2500 प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो हमें ‘रेवड़ी बांटने’ का आरोप लगाते हैं, उन्होंने भी अब दिल्ली में महिलाओं को ₹2500 देने का वादा किया है। तो क्या यह रेवड़ी नहीं है?

निकाय चुनाव पर JMM की मांग

इस बीच, कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने झारखंड सरकार से दलीय आधार पर निकाय चुनाव कराने की अपील की।

हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड में UCC, CAA और NRC को खारिज करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है और केंद्र पर राज्य के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।

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