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भारतीय रेलवे : आखिर क्यों बने होते हैं ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर क्रॉस और एलवी के निशान, यहां जानिए

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सार

गौर करने वाली बात यह है कि ट्रेन के अंतिम डिब्बे के पीछे अक्सर अंग्रेजी के एक्स (X) जैसा एक क्रॉस का निशान बना और एलवी (LV) लिखा होता है। क्या हम इन क्रॉस या एक्स और एलवी (LV) का मतलब समझते हैं?

विस्तार

जब कभी भी हम रेल यात्रा करते हैं या कभी रेलवे स्टेशन जाते हैं तो हम वहां खड़ी हुई ट्रेनों को देखते हैं। उनमें से जब कोई ट्रेन हमारे सामने से क्रॉस होकर निकलती है तो अक्सर हमारी नजर उस ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर जरूर जाती है। ट्रेन के लास्ट कोच में अक्सर एक व्यक्ति खड़ा रहता है, जिसके हाथ में दो तरह के रंग वाली झंडियां होती हैं।

इन झंडियों के रंग का मतलब तो सब जानते हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि ट्रेन के अंतिम डिब्बे के पीछे अक्सर अंग्रेजी के एक्स (X) जैसा एक क्रॉस का निशान बना और एलवी (LV) लिखा होता है। क्या हम इन क्रॉस या एक्स और एलवी (LV) का मतलब समझते हैं? 

स्टेशन पर तो हम जल्दबाजी में रहते हैं तो इन्हें नजरअंदाज कर जाते हैं। लेकिन जिंदगी में ऐसी छोटी-छोटी मगर महत्वपूर्ण बातों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जब भी कोई शंका दिमाग में उठती है तो उसकी शंका या जिज्ञासा का समाधान खोजने का प्रयत्न जरूर करना चाहिए। यही सफलता का सूत्र है। खैर हम बात कर रहे हैं रेल के डिब्बे के पीछे लिखे एक्स यानी क्रॉस निशान और एलवी (LV) की। तो आइए जानते हैं क्या हैं ये निशान और क्या हैं इनके मतलब? 

दरअसल, रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा के नीतिगत कई तरह के नियम बनाए गए हैं। ऐसा ही एक नियम है कि प्रत्येक ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर X यानी क्रॉस बना हुआ होता है। इसका संकेत रेलवे कर्मचारी आसानी से समझ जाते हैं। लेकिन आज हम आपको भी रेलवे के इस संकेत के अभिप्राय से अवगत कराने वाले हैं। कोई भी ट्रेन कई कोच या डिब्बों से मिलकर बनी होती है।

सामान्य तौर पर आप कह सकते हैं कि जब ट्रेन सीधी एक दिशा में तेजी से चलती है। किसी स्टेशन पर से रोजाना कई ट्रेनें गुजरती हैं, तो उसके कोच या डिब्बे गिनना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए लास्ट कोच पर क्रॉस बनाया जाता है। ताकि उसे देखकर ही पता चल जाता है कि ट्रेन पूरी निकल चुकी है। 

खैर, असल वजह इससे जुड़ी हुई ही है। रेलवे कर्मचारियों को यह पता चल सके कि पूरी ट्रेन स्टेशन से गुजर चुकी है और इसके सभी डिब्बे सही सलामत हैं और कोई हादसा नहीं हुआ है। प्रत्येक स्टेशन पर संबंधित स्टाफ इन डिब्बों को जांचते हैं। इसी के आधार पर स्टेशन प्लेटफार्म पर मौजूद व्यक्ति ट्रेन के आखिरी डिब्बे में झंडियां लेकर खड़े शख्स को अपने पास की झंडियों के जरिये संकेत देता है। 

इतना ही नहीं अंतिम डिब्बे पर एक बोर्डनुमा प्लेट लगी होती है, जिस पर अंग्रेजी में एलवी (LV) लिखा होता है। इस एलवी का अभिप्राय लास्ट व्हीकल से हैं। यह भी यह संकेत करता है कि यह ट्रेन का अंतिम डिब्बा है। 

वहीं, क्रॉस और एलवी के अतिरिक्त एक और पहचान है जो किसी भी कोच के अंतिम कोच होने की स्थिति दर्शाती है। वह है, आखिरी डिब्बे पर लगी हुई रेडियम लैंप नुमा गोल लाइट। यह भी अंतिम डिब्बे का एक संकेत है।

अगर किसी ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर इन तीनों में कोई क्रॉस निशान, एलवी या लाइट नहीं बनी हुई तो समझ लीजिए कि ट्रेन आपात स्थिति में है। किसी असामान्य स्थिति में ट्रेन का कोई डिब्बा तो अलग होकर कहीं छूट नहीं गया जैसी आशंका बन जाती है। ऐसे में, इसकी सूचना तुरंत उच्चाधिकारियों को दी जाती है।  

source by: amar ujala

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