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इजरायल-हमास युद्धविराम: 467 दिन बाद, गाजा डील की शर्तें क्या हैं?

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इजरायल-हमास युद्धविराम:
पश्चिम एशिया के लिए 2025 की सबसे बड़ी राहत देने वाली खबर इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम से जुड़ी है। 15 जनवरी, 2025 को कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम डील का ऐलान किया, जिससे 467 दिनों से जारी युद्ध रुक गया। हालांकि, सीजफायर डील 19 जनवरी, 2025 से लागू होगी। इस समझौते की वार्ता कतर की राजधानी दोहा में हुई, जिसमें अमेरिका, मिस्र और कतर ने मध्यस्थता की। समझौते के नियमों की घोषणा जल्द ही काहिरा में की जाएगी।

इजरायल-हमास युद्धविराम डील: सूत्रों के अनुसार, युद्धविराम डील के तहत हमास बंधकों को रिहा करेगा, और बदले में इजरायल लगभग 1,000 फिलिस्तीनी नागरिकों को अपनी जेल से छोड़ेगा। इस युद्धविराम के तीन चरण होंगे:

  • पहला चरण: हमास 42 दिनों में 34 बंधकों को रिहा करेगा, जिसमें महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। बदले में इजरायल उत्तरी ग़ाज़ा में लोगों की वापसी को मंजूरी देगा और चरणबद्ध तरीके से गाजा पट्टी से सैनिकों की वापसी करेगा।
  • दूसरा चरण: हमास सभी बंधकों को रिहा करेगा, और इजरायल गाजा से अपने सैनिकों को पूरी तरह वापस बुला लेगा।
  • तीसरा चरण: गाजा पट्टी में पुनर्निमाण की परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा।

इजरायल-हमास सीजफायर डील को लागू करने की जिम्मेदारी अमेरिका, कतर और मिस्त्र की है, जिनकी मध्यस्थता से युद्धविराम पर सहमति बनी है।

ट्रंप की धमकी के बाद युद्धविराम पर चर्चा:
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर 20 जनवरी से पहले हमास समझौता नहीं करता, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। ट्रंप की इस धमकी के बाद इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम पर चर्चा शुरू हुई, जिसमें हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई और गाजा पट्टी से इजरायली सैनिकों की वापसी का प्रस्ताव शामिल था।

बाइडेन प्रशासन भी कतर, मिस्त्र और इजरायल के संपर्क में रहा। ट्रंप ने युद्धविराम का ऐलान करते हुए कहा कि यह नवंबर में हुई हमारी ऐतिहासिक जीत का परिणाम है, क्योंकि चुनावों में मेरी जीत ने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि हम शांति और सुरक्षा की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। ट्रंप ने इस समझौते के लिए अपने मिडिल ईस्ट के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की भी सराहना की।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की युद्धविराम की घोषणा:
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायल-हमास युद्धविराम की घोषणा को अपने प्रशासन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। बाइडेन ने कहा कि उनके प्रशासन ने पिछले एक साल से इस सीजफायर योजना पर काम किया था। जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि इसका क्रेडिट किसे मिलेगा, तो बाइडेन ने मजाक में कहा, “क्या आप जोक कर रहे हो?”

बाइडेन और ट्रंप दोनों ही युद्धविराम को अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। बाइडेन चाहते हैं कि व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले उनके प्रशासन ने इजरायल-हमास युद्ध को रोकने में सफलता प्राप्त की हो, जबकि ट्रंप प्रशासन इसे उनके व्यक्तित्व का असर मानता है, जिसके चलते दोनों पक्षों को उनके शपथ ग्रहण से पहले ही युद्धविराम समझौते पर सहमति बनानी पड़ी।

अमेरिका और मिस्त्र की मध्यस्थता से सीजफायर डील:
कतर के प्रधानमंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कतर, अमेरिका और मिस्त्र की मध्यस्थता से सीजफायर डील हुई है। इस डील के माध्यम से युद्ध के काले अध्याय का अंत होगा, और उम्मीद है कि इसे दोनों पक्षों द्वारा सम्मान और पालन किया जाएगा। कतर के पीएम शेख मोहम्मद अल थानी ने कहा कि हम हरसंभव प्रयास करेंगे ताकि इस योजना को लागू किया जा सके। वहीं, मिस्त्र के राष्ट्रपति ने भी इस समझौते का स्वागत किया है।

भारत ने भी जारी की प्रेस रिलीज:
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इजरायल-हमास युद्धविराम और बंधकों की रिहाई का स्वागत किया है। भारत ने अपने बयान में कहा कि इसे लेकर हमें उम्मीद है कि ग़ाज़ा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। भारत ने यह भी कहा कि उसने लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्धविराम और बातचीत व कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की है। हालांकि, इस मामले में इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से अभी तक कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं किया गया है।

इजरायल पर हुआ था बड़ा हमला:
7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने दक्षिणी इजरायल के कई किबुत्ज़ और बड़े शहरों पर हमला किया था, जिसमें इजरायल के लगभग 1,200 से अधिक नागरिकों की मौत हुई। इस आतंकी हमले ने इजरायल को गहरा झटका दिया, और हमास ने लगभग 250 इजरायली और अन्य देशों के नागरिकों को बंधक बना लिया, जिन्हें गाजा पट्टी में ले जाया गया। इजरायल ने उसी दिन हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया।

इस युद्ध में फिलिस्तीन के 46,000 से ज्यादा लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए। युद्ध का दायरा बढ़ते हुए इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लेबनान में भी फैल गया। इसके अलावा, इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे के चुनिंदा ठिकानों पर हमले किए, और इजरायल ने हिजबुल्लाह, हमास और हूती के कई टॉप कमांडर्स को भी मार गिराया। अब, 467 दिनों बाद युद्धविराम हुआ है, और यह देखना बाकी है कि बंधकों की रिहाई कितनी जल्दी होती है और पूरे क्षेत्र में शांति कब तक बनी रहती है।

Source: Abp news

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