चीन की तरफ से आया एक खतरा, जिसकी जद में हम-आप तो हैं ही, सेना के लोग भी हैं। यह चीनी हथियार हैं डेटिंग, चैटिंग, ट्रेडिंग व लोन एप। एप स्टोर पर 35 व गूगल प्ले पर 250 से ज्यादा। भारत सरकार ने 2020 से अब तक 232 चीनी एप्स बैन की, लेकिन 300 से ज्यादा एप्स देश में वापस आ गई हैं। लगता यह है कि ये एप हांगकांग, वियतनाम, सिंगापुर, इंडोनेशिया की हैं, लेकिन असल में चीनी कंपनियां इन्हें प्रॉक्सी लोकेशन से चला रही हैं।
एक्सपट्र्स की मदद से इन एप्स की खुफिया रिपोर्ट बनाई गई है, जो सरकार को भेजी जाएगी। यह रिपोर्ट भास्कर के पास है। इसमें दावा है कि ये एप ऑनलाइन वेश्यावृत्ति तक करा रही हैं और छोटे कस्बों-गांवों की संभ्रांत परिवारों की लड़कियां-महिलाएं ट्रैप हो रही हैं।
ये मनोरंजन के नाम पर इन सोशल एप्स से जुड़ती हैं। फिर इन्हें बात करने, मिलने के ऑफर मिलने लगते हैं। पाली निवासी आईटी एक्सपर्ट नीलेश पुरोहित ने बताया- मैंने एक एप के फ्री ट्रायल से संभ्रांत दिखने वाली लड़की से बात की। पूछा- कितना कमाती हाे? बोली- लंबी बात करने के 30-40 हजार महीने। लोग स्टार दें तो हर स्टार के 500 रुपए। यानी 70-80 हजार रुपए महीने।
कौन सी हैं ये ऐप, कैसे चीन के सर्वरों में जा रहा डेटा…
5 एप के पास ही 13.5 करोड़ लोगों का डेटा, एक एप मुथूट जैसी, एक फर्जी सर्टिफिकेट लगा फाइनेंस कंपनी बन गई सरकार ने जिसे बैन किया उस यूकैम के नए वर्जन पर 10 करोड़ यूजर हैं।
- एप कितने लोगों का डेटा
- बोलोजी प्रो 1 करोड़ से ज्यादा
- चमेट 1 करोड़ से ज्यादा
- वाका प्ले 50 लाख से ज्यादा
- ब्यूटीप्लस 1 करोड़ से ज्यादा
- यूकैम 10 करोड़ से ज्यादा
इनमें ब्यूटीप्लस व यूकैम को सरकार बैन कर चुकी। ये फिर छद्म नाम, पते से आए हैं।
सूडो नाम से चल रही: चीनी कंपनी प्रतिनिधि
Q. आपकी कंपनी सिंगापुर की है क्या, सेलरी कितनी है?
– यह बीजिंग (चीन) की है। मुझे 800 डॉलर प्रति माह मिलते हैं, 100 डॉलर और बढ़ने वाले हैं।
Q. चीनी एप तो यहां बैन हैं, फिर कैसे चल रही है?
– चीनी एप्स सूडो नेम्स से चल रहे हैं। कई ने ऑफिस खोले हैं। (चैटिंग में नाम नहीं बताया, पर नंबर भास्कर के पास है)
हमारी सेना के लोगों को भी टार्गेट कर रहा चीन, सरकार को इसे रोकना होगा भास्कर एक्सपर्ट- मेजर जनरल (रिटा.) अशोक कुमार चीन हमारे हर नागरिकों व सेना के लोगों को टार्गेट कर रहा है। इससे वह सोशल मीडिया, इंफोर्मेशन वारफेयर के साथ आघात कर सकता है। चीन प्रॉक्सी नाम, पते से अब भी कई एप चला रहा है। इन्हें रोकना बहुत जरूरी है। भारत सरकार को इन्हें पहचान कर बंद करना होगा। सिक्योरिटी नेटवर्क काे भी मजबूत करना होगा।
फर्जी एनबीएफसी सर्टिफिकेट बनाया
आरयूलोन, एक्सट्रेंड, वाका प्ले जैसी लोन-ट्रेडिंग-चैटिंग एप हमारे जीएसटी सिस्टम, RBI नियम को तोड़ रही हैं। एक फर्जी लोन एप मुथूट नाम से है, जिसने हूबहू पहचान चुराई। वाका प्ले यूपीआई से पेमेंट तक ले रहा है। एक एप ने आरबीआई का फर्जी एनबीएफसी (गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) सर्टिफिकेट ही बना लिया है।
Source: Dainik Bhaskar
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