Responsive Menu
Add more content here...

FraudGPT: आपका अकाउंट खाली करने आया ChatGPT का भाई, जान लीजिए बचाव का ‘रामबाण’ उपाय

Spread the love

What is FraudGPT/WormGPT: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने से काम तो आसान हुए हैं, लेकिन साथ ही इसने ऑनलाइन अपराधों खासकर डिजिटल फ्रॉड की आशंका को भी बढ़ा दिया है…

जैसे-जैसे तकनीक तरक्की करती है, लोगों का काम आसान होता जाता है. साथ ही साथ चुनौतियां भी बढ़ जाती है. अब ताजा उदाहरण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का ही ले लीजिए. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के होशियार होते जाने से लोगों के बड़े-बड़े काम चुटकियों में संभव हो रहे हैं, दूसरी ओर इसने आपके बैंक अकाउंट को पलक झपकते खाली करने का खतरा भी बढ़ा दिया है.

एआई से हो रहे अपराध

अब आप सोच रहे होंगे कि भला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से आपके बैंक अकाउंट को क्या ही खतरा हो सकता है! अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ताजी खबर बड़े खतरनाक ट्रेंड के बारे में बताती है. खबर में दावा किया गया है कि साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को शिकार बनाने के लिए बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी कटिंग एज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

चैटजीपीटी-3 पर बने हैं ये टूल

ये साइबर अपराधी डार्क वेब की दुनिया में सक्रिय हैं, जहां फ्रॉडजीपीटी और वर्मजीपीटी जैसे नामों से कई एडवांस जेनरेटिव एआई चैटबॉट बिक रहे हैं. इन एडवांस जेनरेटिव एआई के बारे में बताया जा रहा है कि वे किसी नियम-कानून, सीमा आदि के परे जाकर अपराधियों के लिए हथियार की तरह काम कर सकते हैं. इन्हें चैटजीपीटी-3 टेक्नोलॉजी पर डेवलप किया गया है.

अच्छे-अच्छे खा जाएंगे धोखा

फ्रॉडजीपीटी और वर्मजीपीटी जैसे एआई चैटबॉट साइबर अपराधियों के लिए फिशिंग ईमेल लिखने से लेकर मालवेयर और क्रैकिंग टूल बनाने तक के काम कर सकते हैं. इनकी मदद से साइबर अपराधी इस तरह के फिशिंग ईमेल या मैसेज तैयार कर सकते हैं, जिनकी पहचान करने में अच्छे-अच्छे धोखा खा जाएं. बस एक बार आप धोखे में आए कि आपकी सारी मेहनत की कमाई स्वाहा.

डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध

खबर के अनुसार, ये जेनरेटिव एआई 200 डॉलर से 1,700 डॉलर तक के मासिक सब्सक्रिप्शन पर उपलब्ध हैं. मतलब कोई भी साइबर अपराधी डेढ़ हजार से 35 हजार रुपये हर महीने खर्च कर फ्रॉडजीपीटी और वर्मजीपीटी जैसे एआई चैटबॉट का इस्तेमाल अपने आपराधिक कामों में कर सकता है. डार्क वेब की दुनिया इतनी गहरी और उलझी हुई है कि बाद में उन्हें ट्रेस कर पाना भी मुश्किल हो जाता है.

ये है बचाव का रामबाण उपाय

अब सवाल उठता है कि आखिर आम आदमी अपना बचाव किस तरह करे? तो बचाव का सबसे कारगर उपाय है कि आपको न तो डरना है और न ही लोभ में पड़ना है. अपराधी सबसे ज्यादा इन्हीं दो चीजों से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. या तो वे आपको डरा देंगे और फिर ब्लैकमेल कर लेंगे, या किसी लोभ में फंसाकर आपको कंगाल बना देंगे. दूसरा उपाय है कि बैंकिंग व अन्य फाइनेंशियल कामों और कम्यूनिकेशन दोनों के लिए डिवाइस अलग कर दें. और अंत में एक काम की बात यह जान लीजिए कि जरा सा भी संदेह होने पर तत्काल 1930 नंबर डायल कर दें और सारी कहानी बता दें. यह डिजिटल अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार के द्वारा बनाई गई हेल्पलाइन है. आप इस हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.

source by : abp news

Read more : मणिपुर आउट ऑफ कंट्रोल…, राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगा रही है केंद्र सरकार?

Read the latest and breaking Hindi news | English News on अब पाएं सबसे निष्पक्ष, विश्वसनीय और तेज खबरें, सिर्फ WWW.THEINSIGHTTODAY.COM पर. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more.

Read Latest News on your Mobile app so Download Mobile app The Insight Today.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *